हर किसी को ईमानदारी से अपनी बात कहने, खुलकर किसी से भी प्यार करने और सिर उठाकर इज़्ज़त से जीने की आज़ादी होनी चाहिए. लेकिन LGBTQ+ लोगों को आज भी हाथ पकड़ने या अपनी पसंद के कपड़े पहनने जैसे मामूली काम के लिए, हिम्मत जुटानी पड़ती है. अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है कि हम ऐसे लोगों की सराहना करें जो रास्ता दिखाते हैं और दूसरों को #ProudToBe बनने की ताकत और हिम्मत जुटाने के लिए बढ़ावा देते हैं.
हम सिर्फ़ कहते नहीं, करते हैं