गैरेज से Googleplex तक

Google की कहानी 1995 में स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालय से शुरू हुई. लैरी पेज स्नातक करने के लिए स्टैनफ़र्ड को चुनने पर विचार कर रहे थे और उन्हें विश्वविद्यालय दिखाने का काम सर्गे ब्रिन को सौंपा गया, जो वहां पढ़ते थे.

सुनने में आता है कि पहली मुलाकात में दोनों किसी भी मसले पर एक राय नहीं हो सके, लेकिन एक साल बीतते-बीतते दोनों साझेदार थे. हॉस्टल के कमरे से काम करते हुए लैरी और सर्गे ने एक सर्च (खोज) इंजन बनाया, जो बैक लिंक की मदद से वर्ल्ड वाइड वेब यानी इंटरनेट पर मौजूद अलग-अलग साइटों का महत्व बताता था. उन्होंने इस सर्च इंजन को Backrub का नाम दिया.

जल्दी ही Backrub का नाम बदलकर Google कर दिया गया (शुक्र है!). यह गणित की संख्या 1 और उसके पीछे आने वाले 100 शून्य को लिखने का एक तरीका है. साथ ही यह लैरी और सर्गे के Google बनाने के मकसद—''दुनिया भर की जानकारी को समेट कर सभी के लिए सुलभ और उपयोगी बनाना''—को भी दिखाता है.

कुछ ही साल में Google ने शैक्षिक समुदाय के साथ-साथ सिलिकॉन वैली के निवेशकों का ध्यान भी खींच लिया. पहली आर्थिक मदद मिली साल 1998 में, जब Sun के सहसंस्थापक एंडी बेकतोलशाइम ने लैरी और सर्गे को 100,000 डॉलर का चेक सौंपा और Google, Google Inc. बना. इस निवेश ने Google को हॉस्टल से निकालकर अपने पहले अॉफ़िस में पहुंचा दिया — जो बना कैलिफ़ोर्निया का एक गैराज. सैन फ़्रैंसिस्को से जुड़े मेनलो पार्क शहर में बने इस गैराज की मालकिन सुज़न वोचेस्की थीं, जो Google की 16वीं कर्मचारी बनीं, और अब YouTube की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. भारी-भरकम डेस्कटॉप कंप्यूटर, एक पिंग पॉन्ग टेबल और फ़र्श पर बिछे गहरे नीले कालीन के साथ शुरू हुआ वो सफ़र, जिसमें दिन जल्दी शुरू होते और रात देर से खत्म होती. (चीज़ों को रंगीन रखने की वह परंपरा आज तक जारी है.)

Google में शुरू से ही सब कुछ हटकर था: (Lego से बने) पहले सर्वर से लेकर 1998 में आए पहले “Doodle” तक: जिसमें Google के दूसरे 'ओ' के पीछे रेखाओं से एक व्यक्ति बनाया गया जिससे Google के पेज पर आने वाले समझ जाएं कि सभी कर्मचारी बर्निंग मैन समारोह में गए हैं और फ़िलहाल कोई काम पर नहीं है. हमारा पहला मोटो “Don't be evil” और “वह दस बातें जिन पर हमें भरोसा है” हमारी इरादतन कुछ नया करने की सोच को दिखाते हैं. अगले कुछ सालों में कंपनी तेज़ी से बढ़ी — कई नए इंजीनियर आए, सेल्स टीम बनी और कंपनी को अपना पहला वफ़ादार दोस्त योश्का मिला. जल्दी ही Google गैराज से निकल कर कैलिफ़ोर्निया के माउंटेन व्यू में मौजूद अपने मुख्यालय (जिसे "The Googleplex” भी कहते हैं) में पहुंच गया. चीज़ों को अलग ढंग से करने की आदत भी साथ गई, और योश्का भी.

आज भी हम हर काम बेहतर समाधान ढूंढने की मंशा से ही करते हैं. 50 से ज़्यादा देशों में फैले हमारे परिवार में आज 60,000 से भी ज़्यादा कर्मचारी हैं, जो YouTube और Android से लेकर Gmail और Google सर्च तक ऐसे सैकड़ों प्रॉडक्ट पर काम करते हैं, जिन्हें दुनिया भर के अरबों लोग इस्तेमाल करते हैं. अब हम Lego सर्वर को पीछे छोड़ चुके हैं, योश्का को भी कुछ नए दोस्त मिल गए हैं लेकिन जो नहीं बदला, वह है सबको तकनीक से जोड़ने का हमारा जुनून — जो आज भी उसी शिद्दत से कायम है जैसे हॉस्टल के कमरे और गैराज में था.

शीर्ष पर वापस जाएं