कैसे साहित्य की एक जानकार, मशीन लर्निंग की मदद से, जापान के इतिहास के पन्नाें काे पलट रही हैं
TensorFlow की मदद से
अगर पुरानी लिपियाें काे काफ़ी समय तक पढ़ा या लिखा नहीं जाता, ताे वे खत्म हाेने के कगार पर पहुंच जाती हैं. कुछ ऐसा ही जापान की प्राचीन लिपि, कुसुसूचि के साथ हाे रहा है.
साहित्य की जानकार, टैरिन क्लैनुवात उन चंद लोगों में से हैं जो करीब-करीब खत्म हाे चुकी इस लिपि को समझ सकते हैं.
टैरिन, Google के ओपन साेर्स मशीन लर्निंग प्लैटफ़ॉर्म, TensorFlow की मदद से, कुसुसूचि में लिखे अरबों दस्तावेज़ों को जापान की आधुनिक लिपि में बदल (ट्रांसक्राइब) रही हैं.
यह टूल, रिसर्च करने वालाें के लिए हर जगह उपलब्ध है. साथ ही, इसे पूरी तरह अपने हिसाब से बनाया जा सकता है. इसकी मदद से, आठवीं शताब्दी के जापान के दुर्लभ इतिहास, विज्ञान, और संस्कृति के बारे में कई अनकही कहानियों का पता चल सकता है.
टैरिन ने कुसुसूचि लिपि काे समझने के लिए, जिस तरह मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया वह काबिल-ए-तारीफ़ है. उनकी इस काेशिश से, पहले के मुकाबले अब ज़्यादा लाेग इसे समझ पा रहे हैं.
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