क्या वर्षावन को सुनकर उसे बचाना मुमकिन है?
पारा के ब्राज़ीलियाई राज्य की एक जनजाति के लोग वनों के कटाव की रोकथाम करने के लिए पुराने सेलफ़ोन और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करने के तरीकों की जाँच कर रहे हैं.
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अमेज़न के सभी वर्षावनों में अक्सर काफ़ी शोर रहता है.
हाउलर बंदरों के चिल्लाने की आवाज़.
छत पर होने वाली बारिश.
अपने क्षेत्र को दिखाने वाली चिड़िया. एकदम सही बोलें तो, मकाओ तोता.
इन सबके बीच अलग तरह की आवाज़ें भी सुनाई देती हैं, जिनसे पता चलता है कि अमेज़न में कुछ अलग गतिविधि हो रही है.
चेन वाला आरा.
अमेज़न दुनिया का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) वर्षावन है. दुनिया भर की जैव विविधता का एक चौथाई हिस्सा यहीं पर पाया जाता है.
1970 के बाद से, अमेज़न के 20% क्षेत्र को पेड़ों की कटाई करके बर्बाद कर दिया गया है.
मूल टेम्बे जनजाति के लोग उत्तरी ब्राज़ील में वर्षावनों के 2,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहते हैं. इस क्षेत्र का 30% से ज़्यादा हिस्सा मवेशियों को चराकर, जंगल में आग लगाकर और गैर-कानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई करके उजाड़ दिया गया है.

“8 साल की उम्र में मेरे जीवन में सबसे बड़ा बदलाव आया, जब मैंने [जंगल में] पहली बार जाँच की. उस समय, हमने इस क्षेत्र से गैर-कानूनी तरीके से लकड़ी चुराकर ले जाने वालों के बारे में बहुत सुना था और मुझे इन लोगों को देखकर बहुत गुस्सा आता था. [इसलिए] ऐसा करने के लिए हम सभी साथ आए.”
– चीफ़ नाल्डो टेम्बे
नाल्डो टेम्बे ने वर्षावनों की सुरक्षा के लिए अपना पूरा बचपन कुरबान कर दिया. वे बचपन से ही गैर-कानूनी तरीके से जंगल की कटाई करने वालों के खिलाफ़, अपने माता-पिता से चोरी छिपे, छोटे बच्चों का समूह बनाकर जंगल की सुरक्षा किया करते थे. उस समय जंगल काटने आए हथियारबंद लोगों के खिलाफ़ इस तरह से लड़ना, खास तौर पर बच्चों के लिए, बहुत खतरनाक था. उन्होंने अपनी ज़िंदगी जंगल की सुरक्षा में लगा दी और इस काम में उन्हें अपने लोगों का भी पूरा साथ मिला. जब वे 15 साल के हुए, तब उन्हें चीफ़ कहकर बुलाया जाने लगा.

“चीफ़ होना अपने आप में बहुत ज़िम्मेदारी वाला काम बन जाता है, क्योंकि तब आप दूसरों की ज़िंदगी जीने लगते हैं, अपनी नहीं. और यह काम बहुत मुश्किल होता है. आज भी, कई सालों तक चीफ़ रहने के बावजूद मुझे इसकी आदत नहीं हुई.”
– चीफ़ नाल्डो टेम्बे
टेम्बे जनजाति के लिए जीवन और जंगल एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. जब गैर-कानूनी तरीके से फ़ायदा उठाने के लिए पेड़ों की कटाई की जाती है, तब सिर्फ़ जंगल नहीं कटते बल्कि वहां सदियों से रहने वाले लोगों की संस्कृति और जीवन भी बर्बाद हो जाता है.
जब चीफ़ नाल्डो इस पूरे इलाके में अपने लोगों की गांव की ज़मीन बचाने के लिए लड़ रहे थे, तब यहीं के एक गाँव में डोना वेरोनिका टेम्बे इस इलाके की जनजाति की संस्कृति बचाने के लिए अभियान चला रही थीं. उन्होंने टेम्बे जनजाति के लोगों को पारंपरिक त्योहार मनाने के लिए और ब्राज़ीलियन पुर्तगाली के साथ उनकी अपनी भाषा में भी बात करने के लिए प्रोत्साहित किया. आज उनकी पोती मार्सेलिना कुडा गांव के स्कूल की नई पीढ़ी को टेम्बे भाषा सिखा रही हैं, इस उम्मीद में कि वे नई पीढ़ी के लिए जंगल की संस्कृति के रक्षक बनेंगे.
पिछले 30 सालों में चीफ़ नाल्डो और यहां की जनजाति ने मिलकर गैर-कानूनी कटाई करने वालों से अपने बहुत बड़े क्षेत्र को बचा लिया है, लेकिन लगातार इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों का पता लगाकर उन्हें रोकना बहुत खतरनाक काम है. गैर-कानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई करने वाले रात के अंधेरे में जंगल में घुस जाते हैं और इस तरह वे सैकड़ों एकड़ ज़मीन से चोरी छिपे पेड़ काटकर ले जाते हैं. वर्षावनों से हमेशा आने वाली दूसरी आवाज़ों की वजह से हज़ारों वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में गैर-कानूनी तरीके से जंगल की कटाई करने वालों के आरों और ट्रकों की आवाज़ पर निगरानी रख पाना असंभव हो जाता है.
टेम्बे के लोग काफ़ी व्यवस्थित तरीके से रहते हैं, पढ़े-लिखे होते हैं; वे नए टूल और नई तकनीक का इस्तेमाल करने से डरते नहीं हैं. वे सहयोग चाहते हैं. उन्हें मदद नहीं चाहिए.
– रेनफ़ॉरेस्ट कनेक्शन के संस्थापक टॉफ़र वाइट
2014 में चीफ़ नाल्डो ने पर्यावरणीय गैर-लाभकारी संगठन रेनफ़ॉरेस्ट कनेक्शन के संस्थापक टॉफ़र से संपर्क किया और दोनों ने मिलकर एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. यह प्रोजेक्ट था, रिसाइकल किए गए Android फ़ोन और टेंसरफ़्लो, Google के ओपन सोर्स मशीन लर्निंग मॉडल का इस्तेमाल करके वास्तविक समय में पेड़ों की कटाई से, जो कि गैर-कानूनी है, आने वाली आवाज़ों को ट्रैक करना.
रिसाइकिल किए गए सेलफ़ोन और मशीन लर्निंग की मदद से टेम्बे जनजाति के लोग अपने इलाके की सुरक्षा कैसे करते हैं
रेनफ़ॉरेस्ट कनेक्शन, जंगल से आने वाली आवाज़ों की पहचान करने वाले डिवाइस, पेरू, इक्वाडोर और रोमानिया जैसे पाँच अलग-अलग देशों में वनों की कटाई की रोकथाम करने वाले भागीदारों को दे रहा है.
आज, चीफ़ नाल्डो और इस क्षेत्र की जनजाति वाले लोग अपने क्षेत्र के बारे में प्रचार कर रहे हैं, पेड़ों पर चढ़कर गार्डियन डिवाइस लगाकर उनका रखरखाव कर रहे हैं और पेड़ काटने वालों की ओर से मिल रहे अलर्ट का जवाब दे रहे हैं. इस नई तकनीक की मदद से टेम्बे के पास सिर्फ़ अपने जंगलों को बचाने का ही नहीं, बल्कि अपनी पूरी जीवन-शैली को बचाने का भी मौका है.

"मेरे दादा जी और फिर मेरे माता-पिता दोनों के जीवन का सबसे बड़ा सपना था कि वे अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए इन वनों या सुंदर पर्यावरण को बचाकर रखें और अब उनकी तरह ही यह मेरे जीवन का भी सबसे बड़ा सपना बन गया है. हमें आगे काफ़ी उम्मीदें हैं.”
– चीफ़ नाल्डो टेम्बे
नीचे दी गई फ़िल्म में देखें कि टेम्बे और रेनफ़ॉरेस्ट कनेक्शन, इस योजना को अमल में लाने के लिए एक साथ मिलकर कैसे काम कर रहे हैं.