अलग-अलग दुनिया और मैक्सकी
रिज़र्वेशन में बिताए बचपन और ह्यूस्टन में बिताई अपनी किशोर उम्र के बीच खुद को समझने की कोशिश में रॉबिन मैक्सकी ने समाज सेवा, तकनीक और विज्ञान के बीच की ज़िंदगी चुनी.
मुझे लगता है कि कम विकसित शहरी और ग्रामीण समुदायों में तकनीक एक अहम हिस्सा होती है क्योंकि चीज़ों के काम करने के लिए आपको कोई न कोई तरीका निकालना पड़ता है—हैकिंग के लिए यही बुनियादी बात है.
रॉबिन मैक्सकी
ह्यूस्टन पब्लिक लाइब्रेरी की केंद्रीय शाखा किसी खज़ाने से कम नहीं थी क्योंकि इसके हॉल से जाने वाला रास्ता जो किसी पुराने महल जैसी बनी इमारत को बच्चों के सेंटर से जोड़ता था, वहां कई सारे कंप्यूटर रखे थे. रॉबिन मैक्सकी सेंट्रल विस्कॉन्सिन में स्टॉकब्रिज मंसी रिज़र्वेशन (खास तौर पर बनाए इलाके) में रहने के बाद 11 साल की उम्र में ह्यूस्टन आ गईं. वह यह देखकर बहुत रोमांचित थीं कि शहर की लाइब्रेरी से वह इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगी. सेंटर खाली होने के बावजूद बेवजह की परेशानी सामने थी: किसी भी कंप्यूटर पर सिर्फ़ आधे घंटे तक इंटरनेट इस्तेमाल किया जा सकता था.
वह याद करते हुए कहती हैं, “मैंने सोचा, इसे चलाना सीखने के लिए मैं कहीं भी क्लिक करूंगी क्योंकि मैं कंप्यूटर इस्तेमाल करना चाहती थी.” “कोई न कोई तरीका तो होगा, बड़ा अजीब लगता था.” आखिरकार, उन्होंने कंप्यूटर की सेटिंग पर क्लिक किया और समय सीमा को बंद कर दिया. इससे उन्हें हर वह चीज़ देखने का मौका मिल गया, जो दिलचस्प लग रही थी.
यह कोई ऐसा हैक नहीं था जिससे मैं अपनी ताकत दिखाकर किसी का नुकसान कर सकती थी या किसी पर ज़बरदस्ती कर सकती थी, पर मुझे यह समझ आया कि मैं कंप्यूटर को अपनी मर्ज़ी के मुताबिक चला सकती थी. इस सबके दौरान बहुत सारी परेशानियां आईं, पर जब आप एक बार किसी काम को करने की ठान लेते हैं, तो बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं.
रॉबिन मैक्सकी
20 साल की उम्र के आस-पास फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रोडक्शन असिस्टेंट के तौर पर काम करने के बाद मैक्सकी, ऐल्बकर्की में एक हॉस्टल में रहने लगीं. उनके कमरे में कुल आठ लोग रहते थे. वह अपने उस बैग को साथ लेकर सोती थीं जिसमें उनकी सभी चीज़ें होती थीं. स्कूल खुलने पर वह अपने आस-पास के इलाके में यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू मैक्सिको के छात्रों को आते-जाते देखती थीं.
मैक्सकी स्थानीय समस्याओं के बारे में अपने ब्लॉग नेटिव नोट्स में सालों से लिख रही थीं, जिस पर किसी ने बिना नाम ज़ाहिर किए टिप्पणी की. टिप्पणी में लिखा था कि अगर वह उस समुदाय में बदलाव लाना चाहती हैं जिसके बारे में वह अक्सर लिखती हैं, तो उन्हें कॉलेज जाना चाहिए. “यह बात ज़िंदगी में किसी बीज की तरह थी,” मैक्सकी कहती हैं. "इस बात से आगे बढ़ने का हौसला मिला. एक तरफ़ मैं चीज़ों के बारे शिकायत कर रही थी और दूसरी तरफ़ इनका हल था"
मुझे लगता है कि मूल बातें खोजने के लिए Google का उपयोग करना याद है, "और कुछ अपरिचित शर्तों के बावजूद, एफएएफएसए को कैसे भरना है, संघीय छात्र सहायता के लिए नि: शुल्क आवेदन, साथ ही साथ फिर से शुरू करने और कॉलेज प्रवेश निबंध कैसे लिखना है।
रॉबिन मैक्सकी
मैक्सकी ने अपने परिवार और समुदाय के लोगों से आदिवासी कॉलेज और यूनिवर्सिटी के बारे में सुना था, जिन्हें अमेरिकी भारतीय आदिवासी चलाते हैं. अमेरिका के 35 आदिवासी कॉलेजों में से मैक्सकी ने नवाजो नेशन पर सेल, एरिज़ोना के डाइन कॉलेज में जाना तय किया. इस कॉलेज को पहले आदिवासी कॉलेज के तौर पर 1968 में शुरू किया गया था और यह पूरी तरह से मूल मुद्दों के लिए समर्पित था. मैक्सकी ने यह कॉलेज इस लिए चुना क्योंकि इस कॉलेज में जाने का मतलब था कि "हमारा समुदाय ही हमें चीज़ें सिखा रहा है और हमारा समुदाय सफलता के पैमाने तय कर रहा है."
मैंने अपनी पहली मुलाकात में ही महसूस किया कि रॉबिन बहुत ही तेज़ दिमाग की हैं.. और मुझे सिर्फ़ उन्हें थोड़ा बढ़ावा देने की ज़रूरत थी. आज वह यही काम अपने दूसरे साथियों के लिए कर रही हैं.
डॉ. मिरांडा हास्की
मिरांडा हास्की डाइन कॉलेज में समाजशास्त्र पढ़ाती हैं और वह डॉक्टरेट पूरी कर चुकी पहली ऐसी मूल निवासी हैं जिनसे मैक्सकी की मुलाकात हुई थी. वह बताती हैं कि मैक्सकी को उन्होंने पहली बार क्लास के पहले दिन देखा था और पाया कि वह कैंपस में बाद के सालों में काफ़ी सक्रिय होती गईं. मैक्सकी छात्रों को अपने कंप्यूटर ठीक करना सिखाती थीं, तकनीक से जुड़े छोटे इवेंट आयोजित करती थीं और यहां तक कि href="http://navajotimes.com/entertainment/culture/2014/0514/050814frybread.php">mबसे बड़े फ़्राईब्रेड के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड सेट करने की भी कोशिश कर रही थीं.
छात्र मैक्सकी के साथ सहज महसूस करते हैं और अपनी क्षमता का काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं. उन मौकों का सही इस्तेमाल करने का नतीजा क्या हो सकता है, वह इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. इस उदाहरण को यानी मैक्सकी को देखकर, वे समझ पाते हैं कि वे आने वाले समय में क्या बन सकते हैं.
डॉ मिरांडा हास्की
वॉशिंगटन, डी.सी. के ड्यूपॉन्ट सर्कल के पास 'क्वालिटी एजुकेशन फ़ॉर माइनॉरिटीज़ (QEM) नेटवर्क' में मैक्सकी गर्मियों के दौरान इंटर्नशिप कर रही थीं. मैक्सकी को एक प्रोजेक्ट के लिए आदिवासी कॉलेज की वेबसाइटों से डेटा इकट्ठा करना था. हर पेज पर जाकर मैन्युअल तरीके से डेटा इकट्ठा करने के बजाए, मैक्सकी ने जानकारी इकट्ठा करने के लिए कोड बनाया. मैक्सकी के इस काम पर क्यूईएम (QEM) के अध्यक्ष डॉ. शिर्ले मैकबे की नज़र पड़ी.
ये सभी बड़े लोग हिल पर काम करते हैं. मैं वहां इंटर्नशिप क्यों नहीं कर लेती?
रॉबिन मैक्सकी
“मुझे लगा मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी है,” मैक्सकी कहती हैं, “मैं मुसीबत में थी और मुझे नौकरी से निकाला जा सकता था.” पर यह वह वजह बिल्कुल नहीं थी जिसके लिए डॉ. मैकबे ने उनके काम की तरफ़ लोगों का ध्यान दिलाया.
"उन्होंने कहा, ‘तुम तकनीक के क्षेत्र में क्यों नहीं जातीं?’ कोडिंग की मशहूर भाषाओं के बारे में बात करते हुए मैक्सकी कहती हैं, "यह बहुत ही अजीब पल था जब मुझे समझ आया कि आम तौर पर इंटर्नशिप कर रहे लोग रूबी या पायथन का इस्तेमाल नहीं करते”. डॉ. मैकबे ने मैक्सकी को कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई जारी रखने के लिए बढ़ावा दिया. “जब मैं कोडिंग का काम करने वाले लोगों के बारे में सोचती हूं, तो अपने जैसे लोगों के बारे में नहीं सोचती. पर यह एक समस्या है,” मैक्सकी कहती हैं. “बात अपनी क्षमता को पहचानने की है कि आप क्या कर सकते हैं.”
पहचान न मिलने की वजह से मैक्सकी को डी.सी. में इंटर्नशिप करते रहने और एसटीईएम की पढ़ाई की वकालत करने रहने की प्रेरणा मिली. मैक्सकी ने यह काम भी उसी तरह किया जिस तरह उन्होंने ह्यूस्टन में कंप्यूटर एक्सेस पाने के लिए किया था.
नासा में पैनल इवेंट में अपनी बात रखने के बाद मैक्सकी को अमेरिकन इंडियन साइंस और इंजीनियरिंग सोसाइटी (AISES) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिखाई दीं और वह उन्हें देखकर रोमांचित हो गईं. “मेरे लिए वह किसी सेलेब्रिटी की तरह हैं, तो मुझे ही उनके पास जाना होगा.”
मैक्सकी के लिए यह मौका था कि वह अपने आइडिया को अमल में लाएं: एसटीईएम में दिलचस्पी रखने वाले हर स्तर के सभी छात्रों के लिए हैकेथॉन (सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट इवेंट) का आयोजन करना, खास तौर पर ऐसे छात्रों के लिए जो वहां के मूल निवासी थे.वह कहती हैं, "मैं अपनी बात कई संगठनों के सामने रख चुकी थी और उनकी राय यह थी कि यहां के मूल निवासियों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है."
बिना किसी डर के मैक्सकी ने अपनी बात आगे रखी. यहां तक कि पीबीएस सीरीज़ पर तकनीकी क्षेत्र के जानकारों के इंटरव्यू जो उन्होंने लिए थे, उनकी वीडियो क्लिप भी मोबाइल पर चलाकर दिखाई. “दो सालों तक मैं हर जगह से न सुनती रही थी और आखिरकार कहीं से उम्मीद की किरण दिखाई दी. बस मैं उसी तरफ़ आगे बढ़ती रही.” मैक्सकी को एआईएसईएस (AISES) राष्ट्रीय सम्मलेन के लिए हैकेथॉन (सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट इवेंट) आयोजित करने के लिए हरी झंडी मिल गई.
दो साल तक मैं हर जगह से न सुनती रही और आखिरकार कहीं से उम्मीद की किरण दिखाई दी. बस मैंने उसके साथ ही आगे बढ़ना शुरू कर दिया.
रॉबिन मैक्सकी
आखिरकार, मैक्सकी को एआईएसईएस (AISES) राष्ट्रीय सम्मलेन के लिए हैकेथॉन (सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट इवेंट) आयोजित करने के लिए हरी झंडी मिल गई.
2016 में हुए hackAISES को मैक्सकी ने कोआर्डिनेट किया. यह कॉलेज के स्तर पर आयोजित पहला अमेरिकी भारतीय हैकेथॉन (सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट इवेंट) था जिसमें हाई स्कूल के छात्रों से लेकर कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर चुके लोग तक शामिल हुए. यह इतना सफल रहा कि इसका नियमित रूप से आयोजन किया जाने लगा: इस साल ओक्लाहोमा शहर में होने वाले एआईएसईएस (AISES) सम्मलेन में तीन अक्टूबर को तीसरे सालाना हैकेथॉन का आयोजन किया जा रहा है.
हमारे लक्ष्य हैं. हमारे सपने हैं. और हम किसी को अपने रास्ते में आने या खुद को नीचे गिराने नहीं देंगे.
कीनन ली बार्लो
कीनन ली बार्लो और मैक्सकी कॉलेज के दौरान मिले और जल्द ही अच्छे दोस्त बन गए. मैक्सकी जो बचपन में अलग-अलग समुदायों में पली बढ़ी थीं, उन्हीं की तरह ही कीनन भी रिज़र्वेशन (अलग से बसाई गई जगह) में आने से पहले साल्ट लेक सिटी में पले बढ़े थे. “मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं उन्हें हमेशा से जानता था,” वह कहते हैं. “यह ऐसी दोस्ती है जिसमें आप किसी से दिल से जुड़ते हैं. वह मुझे अपने भाई-बहनों की याद दिलाती हैं.”
मैक्सकी ने उन्हें कैंपस दिखाया और क्लास तक पहुंचने में मदद की. इससे भी बढ़कर, मैक्सकी ने उन्हें अमेरिकन इंडियन कॉलेज फ़ंड और नवाजो नेशन जैसी कई दूसरी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने का तरीका बताया. इस तरह की जानकारी शेयर करना अब मैक्सकी की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है.
मैक्सकी ने अपना पूरा ध्यान ग्रेजुएट स्कूल ऐप्लिकेशन पर लगा दिया, पर अब भी वह पूरे मन से हर उस क्षेत्र में अपने समुदाय को आगे पहुंचाना चाह रही थीं, जहां वह खुद पहुंच रही थीं. वह कहती हैं, “इस समय सामान्य विज्ञान से जुड़े समुदाय में ज़्यादा मूल निवासी शामिल नहीं हैं.”
वह उन समुदायों के लिए काम करना चाहती हैं, जिन तक सुविधाएं नहीं पहुंची हैं. उन्हें ज़्यादा संसाधन उपलब्ध कराना चाहती हैं और उन्हें सशक्त बनाना चाहती हैं ताकि वे समझ सकें कि "वह भी इसी समाज का हिस्सा हैं." वह उन्हें चीज़ों में शामिल करना चाहती हैं, ताकि लोग आगे आएं और यह समझ सकें कि वे न सिर्फ़ स्मार्ट हैं बल्कि वे इस काबिल हैं कि विज्ञान के क्षेत्र में अपना पूरा योगदान दे सकें."
अमेरिका की मूल निवासी और एक महिला होने की वजह से मुझे लगता था कि मेरा रास्ता बहुत मुश्किल है, लेकिन सब कुछ आपके सशक्त महसूस करने और यह मानने पर निर्भर करता है कि आप दोनों चीज़ें कर सकते हैं. आप एक शोधकर्ता या कंप्यूटर प्रोग्रामर भी बन सकते हैं और अपने भीतर अपनी संस्कृति को भी ज़िंदा रख सकते हैं.
रॉबिन मैक्सकी