Human Rights

शेयरधारकाें काे भेजे गए अपने पहले पत्र में, हमारे संस्थापकों ने Google के मकसद के बारे में बताया था. उन्होंने लिखा था कि Google का मकसद "उन सेवाओं को तैयार करना है जो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की ज़िंदगी में बड़ा सुधार कर सकती हैं." हम इसी मकसद के तहत Google में काम करते हैं. हम टेक्नाेलॉजी की ताकत में भरोसा रखते हैं. हमें पता है कि इसमें दुनिया भर में सकारात्मक असर डालने की ताकत है.

हम जाे भी काम करते हैं उसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य मानवाधिकाराें का ध्यान ज़रूर रखते हैं. चाहे नए प्रॉडक्ट लॉन्च करना हो या दुनिया भर में अपने काम को आगे बढ़ाना हो. हम यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स और इसे लागू करने वाली संधियों में बताए गए अधिकाराें को ध्यान में रखकर, हर काम करने की कोशिश करते हैं. साथ ही, हम यूनाइटेड नेशंस गाइडिंग प्रिंसिपल्स ऑन बिज़नेस ऐंड ह्यूमन राइट्स (यूएनजीपी) और ग्लाेबल नेटवर्क इनिशिएटिव प्रिंसिपल्स (जीएनआई के नियम) में दिए गए मानकाें को लागू करने का भी पूरा ध्यान रखते हैं.

हम कोशिश करते हैं कि टेक्नोलॉजी की ताकत का अच्छी तरह से इस्तेमाल करके, मानवाधिकारों को बेहतर बनाया जा सके और दुनिया भर के लोगों काे नए मौके दिए जा सकें. साथ ही, इस बात पर भी हमारा पूरा ध्यान है कि हम उभरती हुई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पूरी ज़िम्मेदारी से करें.

एक्ज़ीक्यूटिव ओवरसाइट ऐंड बोर्ड गवर्नरनेंस

नागरिक और मानव अधिकारों से जुड़ा Google का काम, हमारे ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम के ज़रिए किया जाता है. इस प्रोग्राम की मदद से पक्का किया जाता है कि हम यूएनजीपी, जीएनआई के सिद्धांतों, और नागरिक और मानव अधिकार तय करने वाली दूसरी संस्थाओं के नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. ऐसा, Google और उसके सभी प्रॉडक्ट (जैसे हार्डवेयर, Search, क्लाउड, और YouTube) के लिए किया जाता है.

नागरिक और मानव अधिकार से जुड़े नियमों को लागू कराने का काम सीनियर मैनेजमेंट करता है. साथ ही, सीनियर मैनेजमेंट Alphabet के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की ऑडिट ऐंड कंप्लायंस कमिटी को, इस काम की नियमित तौर पर जानकारी देता है. साल 2020 में, बोर्ड ने ऑडिट ऐंड कंप्लायंस कमिटी के चार्टर में बदलाव किया था. इस बदलाव का मकसद था कि नागरिक और मानव अधिकारों से जुड़ी समस्याओं की ज़िम्मेदारी इस कमिटी को सौंपी जाए.

कंपनी को आगे ले जाने के साथ-साथ, हम मानवाधिकारों से जुड़े नियमों को बेहतर बनाने और उन्हें अच्छी तरह से लागू कराने का काम जारी रखेंगे. उदाहरण के लिए, दुनिया भर में मानवाधिकार और अमेरिकी लोगों के नागरिक अधिकारों का पालन कराने के लिए बने हमारे ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम की देखरेख के लिए, हम ह्यूमन राइट्स एक्ज़ीक्यूटिव काउंसल (एचआरईसी) बना रहे हैं. काउंसल के सदस्य, Google के अलग-अलग मुख्य प्रॉडक्ट एरिया और सेवाएं संभालेंगे और ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम से जुड़े खास लोगों से नियमित तौर पर बात करेंगे.

ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम

ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम, पूरी कंपनी के लिए नागरिक और मानव अधिकारों से जुड़ी बेहतर रणनीति तय करता है. इस प्रोग्राम के ज़रिए, अलग-अलग प्रॉडक्ट टीमों को नागरिक और मानव अधिकारों के संभावित असर के बारे में सलाह दी जाती है. साथ ही, यह जांच की जाती है कि कंपनी में मानवाधिकारों का सही से पालन किया जा रहा है या नहीं. इसके अलावा, इस प्रोग्राम में बाहरी विशेषज्ञों और हिस्सेदारों को भी जोड़ा जाता है.

नागरिक और मानव अधिकारों से जुड़े नियमों का पालन, पूरी कंपनी की हर प्रक्रिया में किया जाता है. हर दिन हमारे उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए, कर्मचारियों का एक नेटवर्क काम करता है. ये कर्मचारी, प्रॉडक्ट, कंपनी के रीजनल और फ़ंक्शनल एरिया से जुड़े होते हैं. हमारे कर्मचारी भी, नागरिक और मानव अधिकारों के बारे में सवाल पूछ सकते हैं. ज़रूरत के हिसाब से, ऐसे सवालों की समीक्षा सीनियर मैनेजमेंट और ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम के सदस्य करते हैं.

ड्यू डिलिजेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट

हम Google में रोज़ाना लिए जाने वाले फ़ैसलों और लंबे समय के लिए बनाई जाने वाली रणनीतियों को तय करते समय, नागरिक और मानव अधिकार के सिद्धांतों का ध्यान रखते हैं. Google के पास हर प्रॉडक्ट के लिए खास सलाहकार हैं. ये सलाहकार, उन प्रॉडक्ट टीमों को सलाह देते हैं जिनके पास प्रॉडक्ट और सुविधाओं को तैयार करने और उन्हें लॉन्च करने की ज़िम्मेदारी होती है. प्रॉडक्ट से जुड़े और क्षेत्रीय सलाहकार, विषय-वस्तु को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्रीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर, कानून और नीति से जुड़े जोखिमों का आकलन करते हैं. ये क्षेत्रीय विशेषज्ञ, Google की नीति बनाने वाले कर्मचारी ही होते हैं. ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम के तहत, यह मैनेज किया जाता है कि कंपनी में मानवाधिकारों का सही से पालन किया जाए. इसमें, मानवाधिकारों के प्रभाव का आकलन करना शामिल है. साथ ही, इस प्रोग्राम में, डेटा को मैनेज करने, कॉन्टेंट की नीतियों, और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले संगठन के हिस्सेदारों के काम को भी मैनेज किया जाता है.

जुड़ाव

नागरिक और मानव अधिकारों से जुड़े कामों के लिए, यह ज़रूरी है कि बाहर के विशेषज्ञों और उन हिस्सेदारों से जुड़ा जाए जिन पर असर पड़ा है. समाज के लोगों और दूसरे हिस्सेदारों के साथ जुड़े रहने से और उनसे औपचारिक तौर पर संपर्क रखने से, हमें अपने प्रॉडक्ट और नीतियों को सुधारने में मदद मिलती है.

इस तरह के सहयोगों की मदद से, उन नागरिक और मानव अधिकारों को पहचाना जा सकता है, उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है, और उन पर काम किया जा सकता है जिन पर असर पड़ा है या पड़ सकता है. साथ ही, इनकी मदद से Google को अपनी नीतियों, तरीकों, और सेवाओं से जुड़े सुझाव भी मिलते हैं और पता चलता है किस क्षेत्र में क्या काम करने की ज़रूरत है.

पारदर्शिता

मानवाधिकारों का पालन कराने के लिए, पारदर्शिता होना बहुत ज़रूरी है. हमारी कंपनी ने 2010 में एक ऐसा टूल लॉन्च किया जिससे उपयोगकर्ताओं के डेटा या कॉन्टेंट हटाने को लेकर किए गए सरकारी अनुरोधों के बारे में लोगों को बताया जा सकता था. हमारी कंपनी पहली ऐसी इंटरनेट कंपनी थी जिसने इस तरह का टूल बनाया. आज Google Transparency Report के हब में ऐसे सभी विषयों के बारे में बताया गया है जो संभावित रूप से मानवाधिकारों को प्रभावित कर सकते हैं. इनमें उपयोगकर्ता की जानकारी से जुड़े अनुरोध, कॉन्टेंट हटाने, ट्रैफ़िक, और बाधाओं से जुड़े सरकारी अनुरोधों की पारदर्शिता रिपोर्ट शामिल हैं.

पारदर्शिता की मदद से, हमारे उपयोगकर्ता, जनता, नियम बनाने वाले और लागू करने वाले लोग, हमारी नीतियों और प्रॉडक्ट को पूरी तरह से समझ पाते हैं. इसलिए, हमने Search कैसे काम करता है, Google Play कैसे काम करता है, और YouTube कैसे काम करता है जैसे टूल तैयार किए हैं. इनकी मदद से आप जान सकेंगे कि हमारे प्रॉडक्ट किस तरह काम करते हैं. साथ ही, हमने कुछ खास समस्याओं के बारे में भी बताया है, जैसे कि गलत जानकारी और जानकारी की क्वालिटी.

ग्लोबल नेटवर्क इनिशिएटिव के संस्थापक सदस्य के तौर पर, Google का एक स्वतंत्र कंपनी के ज़रिए समय-समय पर मूल्यांकन भी किया जाएगा. इस दौरान, इस बात की समीक्षा की जाएगी कि कंपनी अपने कामकाज में, आकलन और रिस्क मैनेजमेंट के समय, और रोज़ाना के काम-काज में जीएनआई के सिद्धांतों को कैसे लागू करती है. जीएनआई, कंपनी के इन आकलनों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराती है.

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