बदलाव की पहल
बदलाव की पहल

जानें कि कैसे जेसन बार्न्स और दूसरे लोग, एक ऐसी दुनिया बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो दिव्यांग समुदाय के लोगों के साथ-साथ बाकी लोगों के लिए भी सुलभ हो.

छह मिनट में पढ़ें

जेसन बार्न्स को बचपन से ही ड्रम बजाना बहुत पसंद था. जब 22 साल की उम्र में, एक इलेक्ट्रिकल दुर्घटना की वजह से उनका दायां हाथ कट गया, तब भी उन्होंने ड्रमर बनने का सपना नहीं छोड़ा. दुर्घटना के करीब 10 साल बाद, संगीत को लेकर जेसन का जुनून उन्हें एक नए रास्ते पर ले गया. इस राह पर चलकर ही उन्होंने एक कृत्रिम हाथ बनाने में मदद की, जो दुनिया के सबसे बेहतरीन कृत्रिम अंगों में से एक साबित हुआ. आज वे उन लाखों दिव्यांगों में से एक हैं जो अपना मनचाहा काम कर पा रहे हैं.

दिव्यांग समुदाय के साथ मिलकर डिज़ाइन की गई टेक्नोलॉजी, एक वक्त के बाद सभी लोगों के काम आती है. दिव्यांग समुदाय के कई लोग उन टूल के को-क्रिएटर्स हैं जिनकी मदद से, उनके साथ-साथ दूसरे लोग भी अपने लक्ष्य हासिल कर पा रहे हैं. साथ ही, अपनी ज़िंदगी को उसी तरह से जी रहे हैं जिस तरह से वे जीना चाहते हैं.

आविष्कार के लिए नए रास्ते खोलना

जेसन बार्न्स ने बचपन से ही ड्रम बजाना शुरू कर दिया था. उन्हें तब बोलना भी नहीं आता था. मैगी उनकी मां हैं. वह बताती हैं, “मुझे याद है कि उसने दो साल की उम्र से ही ड्रम बजाना शुरू कर दिया था. हम जब भी संगीत चलाते थे, वह अपनी कुर्सी, डिनर टेबल या किसी भी सरफ़ेस को बजाना शुरू कर देता था.” साल 2012 में जब वह 22 साल का था, तब उसका दायां हाथ एक इलेक्ट्रिकल दुर्घटना में कट गया था. इस घटना से उसकी ज़िंदगी की एक नई शुरुआत हुई.

साल 2013 से, जेसन ने सबसे बेहतर रोबोटिक ड्रमिंग आर्म (ड्रम बजाने के लिए कृत्रिम रोबोटिक हाथ) बनाने के लिए, गिल वाइनबर्ग के साथ मिलकर काम करना शुरू किया. गिल, जॉर्जिया टेक सेंटर फ़ॉर म्यूज़िक टेक्नोलॉजी के मशहूर रोबोटिसिस्ट और फ़ॉउंडिंग डायरेक्टर हैं. उनका सबसे नया डिज़ाइन, Google के ओपन सोर्स मशीन लर्निंग प्लैटफ़ॉर्म, TensorFlow का इस्तेमाल करता है.

जेसन का कृत्रिम हाथ, ईएमजी या इलेक्ट्रोमायोग्राफ़ी की मदद से काम करता है. इसका मतलब है कि कृत्रिम हाथ में मौजूद सेंसर, रिज़िड्यूल लिंब (अवशिष्ट अंग) के इलेक्ट्रिकल सिग्नल पकड़ता है. जब जेसन अपनी मांसपेशियों को मोड़ते या खींचते हैं, तब इसके मुताबिक उनका कृत्रिम हाथ प्रतिक्रिया करता है.

क्लासरूम में लैपटॉप की तरफ़ देखते जेसन बार्न्स. जेसन के दोनों तरफ़ खड़े हुए, Georgia Tech के इंजीनियर.

जेस्चर (हाव-भाव) की पहचान और मशीन को ट्रेन करते हुए जेसन और Georgia Tech की टीम.

काले बैकग्राउंड के आगे ड्रम बजाते जेसन बार्न्स.

जेसन अपने कृत्रिम हाथ से भी आसानी से ड्रम बजा पाते हैं, क्योंकि इस हाथ से ड्रम बजाने पर भी उन्हें ड्रमस्टिक से वैसा ही अनुभव मिलता है जैसा उन्हें अपने असली हाथ से मिलता था.

ड्रम बजाने के दौरान, जेसन के कृत्रिम हाथ की नज़दीक से ली गई फ़ोटो.

कृत्रिम हाथ के प्रोटोटाइप को टेस्ट करते हुए जेसन.

लाल बैकग्राउंड के आगे, जेसन और उनकी गर्लफ़्रेंड का स्टूडियो शॉट. जेसन का हाथ उनकी गर्लफ़्रेंड के कंधे पर है. दोनों ने काले रंग के कपड़े पहने हैं.

जेसन और उनकी गर्लफ़्रेंड, अमैंडा डियरबोर्न.

सारा सिराजुद्दीन का पोर्ट्रेट. सारा के बाल लंबे और काले हैं और वह कैमरे को देखकर मुस्कुरा रही हैं.

“सभी को सुलभता के साथ टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराकर, हम नई सोच को बेहतर तरीके और तेज़ी से बढ़ाने में मदद कर रहे हैं.”

सारा सिराजुद्दीन, Google की TensorFlow टीम की इंजीनियरिंग लीड

अब मशीन लर्निंग की मदद से, वे काम किए जा सकते हैं जिन कामों के लिए पहले किसी व्यक्ति की ज़रूरत पड़ती थी. जैसे, देखकर चीज़ों को समझना, बोली की पहचान करना, फ़ैसला लेना, और अनुवाद करना. Google की TensorFlow टीम की इंजीनियरिंग लीड, सारा सिराजुद्दीन कहती हैं, “हमारा लक्ष्य ऐसी टेक्नोलॉजी डिज़ाइन करना है जिसे कोई भी उतनी आसानी से इस्तेमाल कर सके जितनी आसानी से वे Gmail इस्तेमाल करते हैं. टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने में जितनी ज़्यादा आसान होगी उतने ही ज़्यादा लोग, अपनी परेशानियों का हल खुद ढूंढ पाएंगे.”

गिल ने सोचा कि वह डिज़ाइन को पूरा करने के बाद, इसे टेस्ट के लिए जेसन के पास नहीं भेजेंगे. इसके बजाय, वह लैब में जेसन के साथ मिलकर इस डिज़ाइन पर काम करेंगे, ताकि वे हाथ के जो भी मॉडल बनाएं उनमें बार-बार जेसन के हिसाब से सुधार किए जा सकें. जेसन के लिए, यह बिल्कुल नया एहसास था.

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देखें कि TensorFlow दृष्टिहीन एथलीट को, बिना किसी सहारे के दौड़ने में कैसे मदद करता है.

“मुझे इस प्रोसेस का हिस्सा बनकर, बहुत खुशी हो रही है. पहले मुझे नए डिवाइस से सीखने और उसके साथ अडजस्ट करने में परेशानी होती थी. हालांकि, इस नई प्रोसेस से मुझे ऐसा डिवाइस मिला है जो मेरे हिसाब से ही बना है.”

जेसन बार्न्स

जेसन की कहानी देखें

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बेहतर कल के लिए एक साथ मिलकर काम करना

“अगर आपने कभी किसी की मदद के लिए, सहायक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया है, तो आप कोई ऐसा प्रॉडक्ट कैसे डिज़ाइन कर पाएंगे जो इन सहायक टेक्नोलॉजी का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करे? आप ऐसा प्रॉडक्ट, डिज़ाइन नहीं कर पाएंगे.”

विंट सर्फ़, Google में वीपी और चीफ़ इंटरनेट इवेंजेलिस्ट हैं

दिव्यांग समुदाय के साथ मिलकर काम करना, Google के डिज़ाइन की प्रोसेस का एक बुनियादी हिस्सा है. चाहे किसी खास ज़रूरत को पूरा करने के लिए, नई टेक्नोलॉजी बनाना हो या फिर किसी मुख्य टूल में बदलाव करके, उसे बेहतर बनाना हो.

साल 2018 से अब तक, करीब 1,000 लोगों ने Project Euphonia के तहत, 1,000 घंटों से ज़्यादा अवधि के वाक्यांश रिकॉर्ड किए हैं. इस प्रोजेक्ट को उन लोगों की मदद के लिए बनाया गया है जो ठीक से बोल नहीं सकते. इसकी मदद से, Google Assistant जैसे आवाज़ से चालू होने वाले टूल, उन लोगों की आवाज़ को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे. फ़िलहाल, बोली की पहचान करने वाले कई मॉडल, उन लोगों की आवाज़ को पूरी तरह से नहीं पहचान पाते हैं जो ठीक से बोल नहीं सकते. ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन मॉडल को ट्रेन करने के लिए भरपूर डेटा मौजूद नहीं है. इसका हल निकालने के लिए, टीम ने एएलएस टीडीआई (एएलएस थेरेपी डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट) जैसे पार्टनरों के साथ मिलकर काम किया. ऐसा करके, टीम ने बोली की पहचान करने वाले मॉडल को ट्रेन करने के लिए, डेटा इकट्ठा किया. हिस्सा लेने वालों के लिए यह प्रोजेक्ट, आने वाले समय में बोली की पहचान करने की प्रक्रिया को आसान बनाने का मौका देता है. इससे, सिर्फ़ हिस्सा लेने वालों की मदद नहीं होती, बल्कि दुनिया भर के उन लाखों लोगों को मदद मिलती है जो ठीक से बोल नहीं पाते.

Project Euphonia टीम के साथ काम करते हुए एएलएस टेक्नोलॉजिस्ट, स्टीव सेलिंग. जानें कि कैसे आप ठीक से बोल न पाने वाले लोगों की मदद के लिए, वाक्यांश रिकॉर्ड कर सकते हैं.

साल 2017 में, Google ने दुनिया भर के लाखों स्थानीय गाइड से मदद मांगी और उन्हें Google Maps पर सुलभता से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा. आज के समय में, Maps पर करीब डेढ़ करोड़ ऐसी जगहें हैं जहां व्हीलचेयर लाने और ले जाने से जुड़ी जानकारी मौजूद है. आप Maps पर, किसी जगह के दो लाइन में दिए गए ब्यौरे पर क्लिक करके और फिर "सुलभता की जानकारी" तक स्क्रोल करके, व्हीलचेयर की सुविधा के बारे में पता कर सकते हैं. हम स्थानीय गाइड, कारोबारों के मालिकों, और दुनिया भर में मौजूद योगदान देने वाले दूसरे लोगों के बढ़ते हुए नेटवर्क को धन्यवाद देते हैं. आपकी मदद से ही हर रोज़ सुलभता से जुड़ी नई जानकारी जोड़ी जा रही है, ताकि दिव्यांग हर जगह पूरे आत्मविश्वास के साथ जा सकें.

साल 2017 में, Google ने दुनिया भर के लाखों स्थानीय गाइड से मदद मांगी और उन्हें Google Maps पर सुलभता से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा. आज के समय में, Maps पर करीब डेढ़ करोड़ ऐसी जगहें हैं जहां व्हीलचेयर लाने और ले जाने से जुड़ी जानकारी मौजूद है. आप Maps पर, किसी जगह के दो लाइन में दिए गए ब्यौरे पर क्लिक करके और फिर "सुलभता की जानकारी" तक स्क्रोल करके, व्हीलचेयर की सुविधा के बारे में पता कर सकते हैं. हम स्थानीय गाइड, कारोबारों के मालिकों, और दुनिया भर में मौजूद योगदान देने वाले दूसरे लोगों के बढ़ते हुए नेटवर्क को धन्यवाद देते हैं. आपकी मदद से ही हर रोज़ सुलभता से जुड़ी नई जानकारी जोड़ी जा रही है, ताकि दिव्यांग हर जगह पूरे आत्मविश्वास के साथ जा सकें.

“सभी तरह की जानकारी का ऐक्सेस मिलने पर, लोगों के आत्मनिर्भर और आज़ाद बनने की संभावना बढ़ जाती है. क्यों न यही मौका हम दिव्यांगों को भी दें?”

लुइस डुरेन, लोकल गाइड, सेंटो डॉमिंगो, डीओ
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जानें कि कैसे आप Google Maps को सबके लिए मददगार बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं.

“सभी तरह की जानकारी का ऐक्सेस मिलने पर, लोगों के आत्मनिर्भर और आज़ाद बनने की संभावना बढ़ जाती है. क्यों न यही मौका हम दिव्यांगों को भी दें?”

लुइस डुरेन, लोकल गाइड, सेंटो डॉमिंगो, डीओ

छोटी-छोटी कोशिशों से बड़े बदलाव की तैयारी

“हर किसी को अपनी ज़िंदगी में कभी न कभी दिव्यांगता जैसी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. इसलिए, हमें हर उस व्यक्ति से सिर्फ़ सीख नहीं लेनी चाहिए जिसने इन मुश्किलों का सामना किया है, बल्कि यह बताना भी चाहिए कि कैसे हम सब साथ मिलकर काम कर सकते हैं और एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं.”

केआर लियू, Google में ब्रैंड ऐक्सेसिबिलिटी की हेड

आज के समय में, करीब 100 करोड़ लोग या यूं कहें कि दुनिया की आबादी में से करीब 15% जनसंख्या, किसी न किसी दिव्यांगता की शिकार है. इनमें से कुछ तरह की दिव्यांगता, लोगों को नज़र आती हैं और कुछ तरह की नहीं.1 टेक्नोलॉजी की दुनिया के साथ-साथ, हमारी इस दुनिया को सबके लिए सुलभ बनाने के लिए, जितने ज़्यादा लोग साथ मिलकर काम करेंगे उतनी ही जल्दी वह समय आएगा जब सबके पास बराबर मौके होंगे.

जिलियन मरकाडो, ब्लैक डिसेबल्ड क्रिएटिव्स के फ़ॉउंडर और ब्रेंट लुइस, डिवर्सीफ़ाई फ़ोटो के को-फ़ॉउंडर हैं. Google Sheets और Docs का इस्तेमाल करके, उन्होंने उन कलाकारों और इनोवेटर के ऐसे सार्वजनिक डेटाबेस तैयार किए हैं जिन्हें अक्सर उनकी नस्ल और/या दिव्यांगता की वजह से, क्रिएटिव दुनिया का हिस्सा नहीं बनने दिया जाता था. साल 2020 की गर्मियों में, इन संसाधनों ने कलाकारों की उन क्लाइंट से संपर्क करने में मदद की जो ऐसे लोगों को काम पर रख रहे थे. लुइस कहते हैं, “हमने लोगों को वहां उन फ़ोटोग्राफ़र से मिलवाया जिनसे वे पहले कभी नहीं मिले थे और जिनकी कहानियों के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता था. सच कहें, तो हम उन दीवारों को गिराने और रुकावटों को दूर करने के लिए भी वहां मौजूद थे जिन्होंने नस्ल या रंग-भेद की वजह से, कई बेहतरीन फ़ोटोग्राफ़र को इस दुनिया से दूर रखा था. इनमें खास तौर पर, अफ़्रीकी-अमेरिकी मूल के फ़ोटोग्राफ़र शामिल थे."

बदलाव लाने की चाह रखने वाले दूसरे लोगों को, अपने दोस्त या चाहने वाले को देखकर प्रेरणा मिल सकती है. टोनी ली, Google में विज़ुअल डिज़ाइनर के तौर पर चार साल से काम कर रहे हैं. उन्होंने बचपन से ही यह देखा था कि कैसे उनके माता-पिता बधिर होने के बावजूद कैप्शन की मदद से, टीवी और फ़िल्में देखते थे. वे कहते हैं, “एक बार को यह नज़रअंदाज़ किया जा सकता है कि ऑडियो के ज़रिए कितनी जानकारी दी जा रही है. हालांकि, अगर आप पूरी तरह से कैप्शन के भरोसे कुछ देख रहे हैं और कैप्शन सही तरह से लिखे नहीं हैं या मौजूद ही नहीं हैं, तो बहुत सारी अहम जानकारी छूट जाएगी.” एक साइड प्रोजेक्ट के तौर पर, टोनी ने Google पर फ़िल्म या वीडियो के लिए, दिशा-निर्देशों का एक सेट बनाया है. इनकी मदद से, कैप्शन लिखने वाले लोग, बिल्कुल सटीक और बेहतर कैप्शन लिख सकते हैं. आज भी टोनी यही कोशिश कर रहे हैं कि Google की सभी फ़िल्मों में बेहतर कैप्शन लिखे जाएं. साथ ही, वह अपने दिशा-निर्देश सभी को उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं.

हर किसी की मदद के लिए टूल बनाते समय, कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. सुलभता तो इनमें से बस एक डाइमेंशन है. Google में प्रॉडक्ट इन्क्लूज़न की हेड, ऐनी जॉन-बैप्टिस्ट यह पक्का करती हैं कि प्रॉडक्ट टीमें उन लोगों की आवाज़ें उठाएं जिन्हें पहले प्रॉडक्ट डिज़ाइन के समय अनदेखा कर दिया गया था. साथ ही, वे यह भी पक्का करती हैं कि ऐसे लोगों के विचारों को उस प्रॉडक्ट डिज़ाइन की प्रोसेस के हर चरण में ध्यान में रखा जाए. उनका कहना है, “लोग ही दुनिया को बदल सकते हैं. चाहे वे किसी भी देश के हों, कैसे भी दिखते हों या चाहे वे किसी भी बैकग्राउंड से आते हों. चाहे वे एथलीट, मां, शिक्षक या संगीतकार हों. टेक्नोलॉजी एक ऐसा टूल है जो लोगों को उनकी पसंद का काम करने में मदद करता है.”

जिलियन मरकाडो, ब्लैक डिसेबल्ड क्रिएटिव्स के फ़ॉउंडर और ब्रेंट लुइस, डिवर्सीफ़ाई फ़ोटो के को-फ़ॉउंडर हैं. Google Sheets और Docs का इस्तेमाल करके, उन्होंने उन कलाकारों और इनोवेटर के ऐसे सार्वजनिक डेटाबेस तैयार किए हैं जिन्हें अक्सर उनकी नस्ल और/या दिव्यांगता की वजह से, क्रिएटिव दुनिया का हिस्सा नहीं बनने दिया जाता था. साल 2020 की गर्मियों में, इन संसाधनों ने कलाकारों की उन क्लाइंट से संपर्क करने में मदद की जो ऐसे लोगों को काम पर रख रहे थे. लुइस कहते हैं, “हमने लोगों को वहां उन फ़ोटोग्राफ़र से मिलवाया जिनसे वे पहले कभी नहीं मिले थे और जिनकी कहानियों के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता था. सच कहें, तो हम उन दीवारों को गिराने और रुकावटों को दूर करने के लिए भी वहां मौजूद थे जिन्होंने नस्ल या रंग-भेद की वजह से, कई बेहतरीन फ़ोटोग्राफ़र को इस दुनिया से दूर रखा था. इनमें खास तौर पर, अफ़्रीकी-अमेरिकी मूल के फ़ोटोग्राफ़र शामिल थे."

बदलाव लाने की चाह रखने वाले दूसरे लोगों को, अपने दोस्त या चाहने वाले को देखकर प्रेरणा मिल सकती है. टोनी ली, Google में विज़ुअल डिज़ाइनर के तौर पर चार साल से काम कर रहे हैं. उन्होंने बचपन से ही यह देखा था कि कैसे उनके माता-पिता बधिर होने के बावजूद कैप्शन की मदद से, टीवी और फ़िल्में देखते थे. वे कहते हैं, “एक बार को यह नज़रअंदाज़ किया जा सकता है कि ऑडियो के ज़रिए कितनी जानकारी दी जा रही है. हालांकि, अगर आप पूरी तरह से कैप्शन के भरोसे कुछ देख रहे हैं और कैप्शन सही तरह से लिखे नहीं हैं या मौजूद ही नहीं हैं, तो बहुत सारी अहम जानकारी छूट जाएगी.” एक साइड प्रोजेक्ट के तौर पर, टोनी ने Google पर फ़िल्म या वीडियो के लिए, दिशा-निर्देशों का एक सेट बनाया है. इनकी मदद से, कैप्शन लिखने वाले लोग, बिल्कुल सटीक और बेहतर कैप्शन लिख सकते हैं. आज भी टोनी यही कोशिश कर रहे हैं कि Google की सभी फ़िल्मों में बेहतर कैप्शन लिखे जाएं. साथ ही, वह अपने दिशा-निर्देश सभी को उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं.

हर किसी की मदद के लिए टूल बनाते समय, कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. सुलभता तो इनमें से बस एक डाइमेंशन है. Google में प्रॉडक्ट इन्क्लूज़न की हेड, ऐनी जॉन-बैप्टिस्ट यह पक्का करती हैं कि प्रॉडक्ट टीमें उन लोगों की आवाज़ें उठाएं जिन्हें पहले प्रॉडक्ट डिज़ाइन के समय अनदेखा कर दिया गया था. साथ ही, वे यह भी पक्का करती हैं कि ऐसे लोगों के विचारों को उस प्रॉडक्ट डिज़ाइन की प्रोसेस के हर चरण में ध्यान में रखा जाए. उनका कहना है, “लोग ही दुनिया को बदल सकते हैं. चाहे वे किसी भी देश के हों, कैसे भी दिखते हों या चाहे वे किसी भी बैकग्राउंड से आते हों. चाहे वे एथलीट, मां, शिक्षक या संगीतकार हों. टेक्नोलॉजी एक ऐसा टूल है जो लोगों को उनकी पसंद का काम करने में मदद करता है.”

जिलियन मरकाडो और ब्रेंट लुइस का पोर्ट्रेट. जिलियन पौधों के आगे व्हीलचेयर पर बैठी हैं. वहीं, ब्रेंट लाल रंग की हुडी वाली स्वेटशर्ट में हैं.

जिलियन मरकाडो, ब्रेंट लुइस, और फ़िल्म निर्माता क्रिस्टल एमरी के बीच हुई बातचीत को पढ़ें. इसमें उन्होंने बातचीत की है कि कैसे क्रिएटिव इंडस्ट्री में उन हुनरमंद लोगों को शामिल किया जा सकता है जिन्हें अक्सर मौके नहीं मिलते.

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टोनी ली और उनके माता-पिता ने इतने साल आपस में कैसे बातचीत की, इसके बारे में जानने के लिए यह फ़िल्म देखें.

ऐनी जॉन-बैप्टिस्ट का पोर्ट्रेट. वह लाल रंग की ड्रेस में मुस्कुराती हुई नज़र आ रही हैं.

“आखिकार, लोग ही दुनिया में बदलाव ला सकते हैं. टेक्नोलॉजी एक ऐसा टूल है जो लोगों को उनकी पसंद का काम करने में मदद करता है.”

ऐनी जॉन-बैप्टिस्ट, Google में प्रॉडक्ट इन्क्लूज़न की हेड

जेसन, एटलांटा की मार्चिंग टू हार्मनी ड्रमलाइन के साथ अपना एक गाना बजा रहे हैं

जेसन बचपन से ही संगीतकार बनने का सपना देखते थे और टेक्नोलॉजी ने यह सपना पूरा करने में उनकी मदद की. साथ ही, उन्होंने कृत्रिम हाथ बनाने में जो मदद की है उससे आगे चलकर दूसरे लोगों का भी सपना पूरा हो सकेगा.

“जेसन ने अपनी ज़िंदगी में आई एक बहुत बड़ी मुश्किल को सुनहरे मौके में बदल दिया और रिसर्च की पूरी दुनिया को नए मकाम पर ले गए.”

सारा सिराजुद्दीन, Google में इंजीनियरिंग लीड
पर्दे के पीछे के पलों का फ़ोटो. यहां जस्टिन केनप्स, जेसन बार्न्स का एक पोर्ट्रेट खींच रहे हैं. काले बैकग्राउंड के आगे पोज़ देते जेसन.

जस्टिन केनप्स एक फ़ोटोग्राफ़र हैं और वह न्यूयॉर्क में रहते हैं. “मैं खुद एक दिव्यांग हूं, इसलिए मैं जेसन की कहानी को बेहतर ढंग से समझ सकता हूं. साथ ही, मैं यह भी जानता हूं कि हम जैसे लोगों को उस दुनिया में अडजस्ट करने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है जो पूरी तरह से स्वस्थ लोगों के लिए बनी है. मैं जेसन की लगन की प्रशंसा करता हूं और उनकी कहानी दुनिया को बताने में मुझे गर्व महसूस हो रहा है.”

लोगों की मदद करने के लिए, आप क्या कर सकते हैं

आपकी कोशिशें हमारे लिए मायने रखती हैं. आप ये काम करके, दुनिया को और भी ज़्यादा सुलभ बनाने में हमारी मदद कर सकते हैं.

Google क्या कर रहा है

जानें कि दिव्यांगों को नौकरी देने और उनकी मदद करने के लिए, Google क्या-क्या कर रहा है.

1विश्व स्वास्थ्य संगठन, दिव्यांगता पर दुनिया भर की रिपोर्ट, 2011

इस कहानी में शामिल हैं: सुलभता, , TensorFlow, मशीन लर्निंग उत्पाद, Maps, अमेरिका

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